वर्डप्रेस बनाने की प्रेरणा आपको कैसे मिली?
मैनें ब्लॉगिंग की शुरुवात तब की जब मैं ग्रीष्मकाल के दौरान कुछ समय वाशिंगटन डीसी में था और कुछ समय पहले ही डिजिटल कैमेरा लिया था। मैं अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को अपने द्वारा खींचे फोटो दिखाना चाहता था तो वेबसाईट इसके लिये सबसे उम्दा साधन लगा। अंततः मै छायाकारी के साथ साथ लिखने भी लगा, तब मैं मिशेल की बी2/कैफेलॉग का प्रयोग कर रहा था। फिर बी२ परियोजना ठंडे बस्ते में चली गयी और वर्डप्रेस ने टूटे तार जोड़ने शुरु कर दिये।
किसी भी अच्छी ब्लॉगिंग प्रणाली के क्या गुण होने चाहिये? क्या ब्लॉगिंग निकाय को विषय-वस्तु प्रबंधन प्रणाली (सी.एम.एस) माना जा सकता है?
मेरे विचार से जो पहली चीज किसी भी ब्लॉगिंग प्रणाली को करनी चाहिये वो यह है कि लेखक और पाठक के मध्य कम से कम अवरोध पैदा हों। मेरा मानना है कि सामान्यतः अच्छा सॉफ्टवेयर अदृश्य होना चाहिये, आपको यह पता भी न चले कि सॉफ्टवेयर वहाँ है। जहाँ तक रास्ते से हट कर सिर्फ काम किये जाने की बात है, वर्डप्रेस को मैं सफल मानूँगा। ब्लॉगिंग साधारण विषय-वस्तु प्रबंधन का ही एक विशिष्ट रूप है अतः ब्लॉगिंग निकाय निःसंदेह विषय-वस्तु प्रबंधन प्रणाली है।
यह बलॉगज़ीन सिविकस्पेस पर स्थापित है। क्या इस प्रकार की पत्रिका को वर्डप्रेस पर स्थापित किया जा सकता था? क्या वर्डप्रेस में पत्रिकाओं के लिये प्लगईन बनाने की गुंजाईश है?
सिविकस्पेस कुछ विशेष कार्यों के लिये शानदार आधार है, यह इस बात पर निर्भर है कि आप क्या करना चाहते हैं। मैं सिविकस्पेस के निर्माताओं से परिचित हूँ और वे एक मोहक सामुदायिक आधार तैयार करने के लिये काफी मेहनत कर रहे हैं। निरंतर के जालस्थल को देखने के बाद ऐसा लगता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो कि वर्डप्रेस पर नहीं किया जा सकता था। पर किसी विशिष्ट कार्य के लिये क्या प्रयोग किया जाय इसका चयन करना पेचिदा काम है, आपको अपनी मौजूदा ज़रूरतों के साथ साथ यह भी ध्यान रखना होता है कि भविष्य में आप कैसा विस्तार चाहते हैं। मेरे ख़्याल से निरंतर के ब्लॉग जैसे हिस्सों के लिये वर्डप्रेस ज्यादा उपयुक्त होता पर चुनाव (पोल) तथा फोरम के किये आपको किसी तृतीय पक्ष के उत्पाद का निरंतर में एकीकरण करना होता।
क्या आप वर्डप्रेस की परवरिश और दिशा निर्धारण आने वाने समय में भी करते रहेंगे या फिर आप को लगता है कि बस अब दुसरों को संभालने दो मुझे और भी ज़रूरी काम हैं? और किन सृजनात्मक विचारों पर काम हो रहा है?
वर्डप्रेस मूलतः इसके प्रयोगकर्ताओं के ही बूते पर चल रहा है और इसकी सफलता का श्रेय इसकी अविश्वसनीय प्रयोक्ता समुदाय को जाना चाहिये। मैं तो खाते, नहाते, गाड़ी चलाते, हर वक्त वर्डप्रेस के बारे में नये विचारों के बार में सोचता रहता हूँ। तो मेरे पास काफी आईडिया हैं, कुछ अच्छे, कुछ खराब, पर मुझै लगता है कि वर्डप्रेस में अभी विकास की काफी संभावनाएं मौजूद हैं और मुझे नहीं लगता कि आने वाले कुछ सालों तक विकास की गति धीमी होगी।
क्या आप सहमत हैं कि वर्डप्रेस की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे मूवेबल टाईप के परिवर्तित लाइसेंस शर्तों और कीमतों का हाथ है?
वर्डप्रेस को उस समय मूवेबल टाईप से पलायन करने वाले लोगों के रूप में हज़ारों नये प्रयोक्ता ज़रूर मिले। पर यह सिर्फ एक कारक था। उसके बाद से हम लगातार बढ़ते दैनिक डाउनलोड की संख्या देख रहे हैं और मैं सोचता हुँ कि अब वर्डप्रेस मूवेबल टाईप के प्रयोक्ताओं की तागात से कहीं ज्यादा विकसित हो चुका है।
अप्रिय प्रश्न है, पर वर्डप्रेस पर हाल ही में लगे सर्च इंजनों के साथ हेरफेर के आरोपों के सिलसिले में क्या आपको लगता है कि ये नैतिक है। क्या ओपन सोर्स परियोजनाओं की यह जवाबदेही बनती है कि वे पैसे कैसे बना रहे हैं इसका खुलासा करें?
जैसा की पहले भी कई बार कह चुका हुँ, वो मेरी एक बड़ी गलती थी। यह तो मुझे नही पता की सारे ओपन सोर्स परियोजनाओं के लिये यह ज़रूरी है पर मेरी व्यक्तिगत भावना है कि ओपन सोर्स परियोजनाओं से मैं जो भी लमाता हूँ उतना मुझे समुदाय को वापस ज़रूर लौटाना चाहिये।
2004 ब्लॉग का साल था। आज और आज से कुछ सालों बाद, तकनीकी तथा सामाजिक व राजनैतिक असरात के मद्देनज़र, आपकी नज़र में एक अच्छे ब्लॉग की क्या खासियतें होंगी?
मेरा विचार है कि ब्लॉगिंग से कुछ चीज़ें फिलहाल नदारद हैं। पहला तो यही कि पढ़ने और लिखने के दरम्यान स्थित फ़ासला काफी विशाल हो गया है, कुछ रोचक पढ़ने के बाद अपने पाठकों के साथ उसे बाँटना अब भी काफी मुश्किल है। मेरी धारणा है कि 2005 में ब्लॉग में मल्टीमीडिया के प्रयोग पर ज्यादा ज़ोर दिया जायेगा, दरअसल वर्डप्रेस के अगले संस्करण में मीडिया संबंधित काफी प्रभावशाली चीज़ों को लाने की योजना है। अंततः, मुझे लगता है कि आगंतुकों के आंकड़े और गूगल एडसेंस या अन्य कोई विज्ञापन अपने ब्लॉग पर डालने जैसे कई कार्य, जो लोग अपने ब्लॉग पर करना चाहते हैं, काफी क्लिष्ट हैं और आपको काम अंजाम देने के लिये कई अलाहदा जगहों पर जाना पड़ता है।
ब्लॉग खासी चर्चा में हैं और इस पर नियमों की बाढ़ लगाने की बातें चल रही हैं। क्या आप इस बात से सहमत हैं? या फिर स्वनियमपालन काफी है?
ब्लॉग को नियमों के शिकंजे में कसना बेवकूफी है, यह ऐसा ही है कि बातचीत या ईमेल पर रोक टोक लगायी जाए। आशा करता हुँ कि ऐसे नियमन यथार्थ में कभी लागू नहीं होगें।
लोकप्रिय चिट्ठाकारों का अचानक ब्लॉगिंग बंद कर देना आम बात हो चली है। क्या आप कभी ब्लॉगर्स ब्लॉक (जब चिट्ठाकार को कुछ भी लिखने का विचार न सूझे) के शिकार हुये हैं?
लोकप्रिय ब्लॉग का होना कई दफा दबाव पैदा कर सकता है और ब्लॉग को लगातार चलाये रखने में निहित तनाव से कई लोग निचुड़ जाते हैं। पर जितने लोगों को भी मैंने ब्लॉगिंग छोड़ते देखा है अक्सर कुछ ही महीनों में वापस आ जाते हैं। मैंने कुछ लोगों को स्थाई रूप से ब्लॉगिंग छोड़ते तभी देखा है जब उनके जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन आता है, जैसे कि विवाह या बच्चों का जन्म,जब उनके पास ब्लॉगिंग के लिये वाकई समय ही नहीं होता।
मैं ब्लॉगर्स ब्लॉक के दौर से गुज़र चुका हूँ, पर यह कोई बड़ी बात नहीँ थी। अगर मेरे पास कुछ कहने को नहीं होता तो मैं पोस्ट नहीं करता था। पर सामान्यतः जब मैं ब्लॉगिंग नहीं करता तो वजह यह नहीं होती कि मेरे पास कुछ कहने को नहीं है बल्कि यह कि जब विचार आते हैं तो मैं कंप्यूटर के पास नहीं होता या फिर किसी और कार्य में ऐसे मुबतला हो जाता हूँ कि ब्लॉगिंग करना याद ही नहीं रहता। अगरचे बिना सूचना के एक दिन से ज़्यादा ब्लॉगिंग न करूं तो मुझे ईमेल आना शुरु हो जाते हैं यह पता करने के लिये कि मैं ठीक तो हूँ।
अगर वर्डप्रेस पर नहीं तो सूचना प्रोद्योगिकी में और किस पर काम कर रहे होते आप?
अगर मैं वर्डप्रेस पर काम नहीं करता तो शायद राजनीति शास्त्र पर ध्यान दे रहा होता जो कॉलेज में मेरा मुख्य विषय था या फिर जैज़ संगीत जो हाई स्कूल और कॉलेज के दिनों से मेरा प्यार रहा है। शायद ह्यूस्टन में अब भी खूब पढ़ता और सेक्सोफोन बजाता रहता। सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में होता ही नहीं!
चिटठाकारों को आपका संदेश?
मैं कहूँगा कि परवाह न करो कि दूसरे क्या सोचते हैं, बस ऐसा लिखते जाओ जो तुम खुद पढ़ना पसंद करते। अगर खुद के प्रति सच्चे रहोगे तो पाठक स्वयमेव जुड़ते जायेंगे।
हिंदी रूपांतरः देबाशीष चक्रवर्ती
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