Author: पंकज नरूला
आईये फॉयरफाक्स अपनाएं 3 – शक्तिसर्च
फॉयरफॉक्स की विशेषताओं को अपने सरल अंदाज में बताता पंकज नरुला की फॉयरफॉक्स श्रृंख्ला का यह तीसरा व अंतिम लेख है। इस अंक में आप पढ़ेगें कि कैसे गूगल सरीखे ज्यादा जाने जाए वाले सजालो के लिए शक्तिसर्च कैसे बनाएं।
वर्डप्रेस: ज़ीरो बन गया हीरो
ब्लॉगिंग सॉफ्टवेयर में मुक्त कोड पर आधारित तंत्रांश वर्डप्रेस ने कुछ ही सालों में अपनी एक खास जगह बना ली है। इतने सारे ब्लॉगिंग माध्यमों और मूवेबल टाईप जैसे बड़े खिलाड़ियों के रहते वर्डप्रेस ने अतिशय सफलता कैसे हासिल की यह जानना ज़रूरी है। पंकज नरुला नज़र डाल रहे हैं वर्डप्रेस के जन्म से लेकर जवानी तक की यात्रा पर। साथ ही जिक्र है इसकी क्षमताओं और इसे बनाने वालों की सोच के बारे में।
वर्डप्रेस: बेमोल, फिर भी अनमोल
मुक्त सोर्स परियोजनाओं में अनगिनत जाने पहचाने लोगों का पसीना होता है और बिना किसी लालच व पारिश्रमिक के बनाये गये इन उत्पादों का मोल विशालकाय कंपनियों के नामचीन उत्पादों से कहीं ज्यादा है क्योंकि इन उत्पादों के आसपास पनपते हैं समुदाय, जो स्थान, उम्र, धर्म, लिंग या भाषा से बंधे नहीं हैं। आखिर क्या वजह है कि लोग ऐसी परियोजनाओं में समय लगाते हैं? कैसा लगता है इनमें हिस्सेदारी करना? ये सवाल हमने किये वर्डप्रेस की लोकप्रिय मुक्त सोर्स थीम मांजी के जनक ख़ालेद अबु अल्फ़ा से।
वर्डप्रेस की सफलता का श्रेय प्रयोक्ताओं को
ह्यूस्टन, अमरीका में जन्में मैट मुलनवेग केवल 20 वर्ष के हैं और अंतर्जाल तकनलाजी के दीवाने हैं। मुक्त लाईसेंस वाले ब्लॉगिंग सॉफ्टवेयर तथा अर्थगत व्यक्तिगत प्रकाशन आधार वर्डप्रेस के वे प्रमुख विकासकर्ता हैं।
आईये फॉयरफाक्स अपनाएं 2 – कड़ियाँ गरमा-गरम
"आईये फायरफॉक्स अपनायें" लेख श्रृंखला के पिछले भाग में आपने फायरफॉक्स के जन्म व मल्टी टैब्स की क्षमताओं के बारे में पढ़ा। इस भाग में आप जान सकेंगे फायरफॉक्स की एक अत्यंत प्रभावी व समय उपयोगी क्षमता – "लाइव बुकमार्क्स", जिसे इस श्रृंखला के लेखक पंकज नरूला "कड़ियाँ गरमा गरम" पुकारते हैं।