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140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾: माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग
बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के बाद इंटरनेट पर à¤à¤• और विधा ने जोर पकड़ा है। जी हाठटà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°, पाउंस और पà¥à¤²à¤°à¥à¤• के दीवाने अपने बलॉग छोड़ दीवाने हो चले हैं माईकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग के। पैटà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤¸ और देबाशीष कर रहे हैं इस लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ तकनीक की संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पड़ताल जिसमें लोग फकत 140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में कà¤à¥€ अपने मोबाईल, कà¤à¥€ डेसà¥à¤•टॉप तो कà¤à¥€ जालसà¥à¤¥à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपना हालेदिल लिखे चले जाते हैं।
IDN करेंगे हिनà¥à¤¦à¥€ का नाम रोशन
जब जालपृषà¥à¤ हिनà¥à¤¦à¥€ में है तो à¤à¤²à¤¾ डोमेन नाम हिनà¥à¤¦à¥€ में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं? अनà¥à¤¤à¤°à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ डोमेन नाम (IDN) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ग़ैर-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ à¤à¤¾à¤·à¥€ इंटरनेट पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को इसका हल तो मिला ही है, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में संपूरà¥à¤£ डोमेन नाम अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिख सकने के मारà¥à¤— à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ हो रहे हैं। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ आइडीà¤à¤¨ के बारे में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी देता वरà¥à¤£ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² का लिखा, रमण कौल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनूदित लेख।
मनोचिकितà¥à¤¸à¤¾ से फ़िलà¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ तक
डॉ परवेज़ इमाम ने चिकितà¥à¤¸à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤¾à¤ˆ पूरी कर मनोचिकितà¥à¤¸à¤• का पेशा अपनाया पर असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² की बजाय उनकी करà¥à¤®à¤à¥‚मि बनी वृतचितà¥à¤° यानि डाकà¥à¤¯à¥‚मेंटà¥à¤°à¥€ फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ टीवी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤‚ट से शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अब तक अनेकों पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ृत वृतà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया है। संवाद में पà¥à¥‡à¤‚ परवेज़ के जीवन और अनà¥à¤à¤µ पर डॉ सà¥à¤¨à¥€à¤² दीपक से हà¥à¤ˆ उनकी बातचीत।
वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤
संसà¥à¤•ृतियों, लिबासों और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के कॉकटेल कलकतà¥à¤¤à¤¾ में नीता के सामने शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤² है, उसका वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¥¤ शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤² पहली बार आया है यहाà¤, पर नीता का वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ अतीत उसे साल रहा है। वह कलकतà¥à¤¤à¤¾ को à¤à¥‚ल जाना चाहती है। वातायन में पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ 1963 में मनोरमा पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा में पà¥à¤°à¤•ाशित वीणा सिनà¥à¤¹à¤¾ की सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के अंतरà¥à¤¦à¤‚दà¥à¤µ पर लिखी कहानी जो आज à¤à¥€ सामयिक लगती है।
अमृता इमरोज़: रूहानी रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बयानी
उमा तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• ने अपनी किताब में इमरोज़ और अमृता की रूहानी मोहबà¥à¤¬à¤¤ के जज़à¥à¤¬à¥‡ को तो खूबसूरती से अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया ही है, साथ ही अमृता पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® के जीवन के आखिरी लमà¥à¤¹à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ अपनी कलम से बख़ूबी बटोरा है। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• अमृता इमरोज़ की रविशंकर शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ व रंजना à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समीकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚।
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140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾: माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग
बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के बाद इंटरनेट पर à¤à¤• और विधा ने जोर पकड़ा है। जी हाठटà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°, पाउंस और पà¥à¤²à¤°à¥à¤• के दीवाने अपने बलॉग छोड़ दीवाने हो चले हैं माईकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग के। पैटà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤¸ और देबाशीष कर रहे हैं इस लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ तकनीक की संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ पड़ताल जिसमें लोग फकत 140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में कà¤à¥€ अपने मोबाईल, कà¤à¥€ डेसà¥à¤•टॉप तो कà¤à¥€ जालसà¥à¤¥à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपना हालेदिल लिखे चले जाते हैं।
IDN करेंगे हिनà¥à¤¦à¥€ का नाम रोशन
जब जालपृषà¥à¤ हिनà¥à¤¦à¥€ में है तो à¤à¤²à¤¾ डोमेन नाम हिनà¥à¤¦à¥€ में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं? अनà¥à¤¤à¤°à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ डोमेन नाम (IDN) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ग़ैर-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ à¤à¤¾à¤·à¥€ इंटरनेट पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को इसका हल तो मिला ही है, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में संपूरà¥à¤£ डोमेन नाम अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिख सकने के मारà¥à¤— à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ हो रहे हैं। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ आइडीà¤à¤¨ के बारे में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी देता वरà¥à¤£ अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² का लिखा, रमण कौल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनूदित लेख।
मनोचिकितà¥à¤¸à¤¾ से फ़िलà¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ तक
डॉ परवेज़ इमाम ने चिकितà¥à¤¸à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤¾à¤ˆ पूरी कर मनोचिकितà¥à¤¸à¤• का पेशा अपनाया पर असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² की बजाय उनकी करà¥à¤®à¤à¥‚मि बनी वृतचितà¥à¤° यानि डाकà¥à¤¯à¥‚मेंटà¥à¤°à¥€ फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤ टीवी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤‚ट से शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अब तक अनेकों पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ृत वृतà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया है। संवाद में पà¥à¥‡à¤‚ परवेज़ के जीवन और अनà¥à¤à¤µ पर डॉ सà¥à¤¨à¥€à¤² दीपक से हà¥à¤ˆ उनकी बातचीत।
वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤
संसà¥à¤•ृतियों, लिबासों और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के कॉकटेल कलकतà¥à¤¤à¤¾ में नीता के सामने शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤² है, उसका वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¥¤ शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤² पहली बार आया है यहाà¤, पर नीता का वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ अतीत उसे साल रहा है। वह कलकतà¥à¤¤à¤¾ को à¤à¥‚ल जाना चाहती है। वातायन में पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ 1963 में मनोरमा पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा में पà¥à¤°à¤•ाशित वीणा सिनà¥à¤¹à¤¾ की सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के अंतरà¥à¤¦à¤‚दà¥à¤µ पर लिखी कहानी जो आज à¤à¥€ सामयिक लगती है।
अमृता इमरोज़: रूहानी रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बयानी
उमा तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• ने अपनी किताब में इमरोज़ और अमृता की रूहानी मोहबà¥à¤¬à¤¤ के जज़à¥à¤¬à¥‡ को तो खूबसूरती से अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया ही है, साथ ही अमृता पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® के जीवन के आखिरी लमà¥à¤¹à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ अपनी कलम से बख़ूबी बटोरा है। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• अमृता इमरोज़ की रविशंकर शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ व रंजना à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समीकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚।