Category: वातायन
लाल परी – भाग 3
वातायन में आप पढ़ रहे हैं विश्व की पहली इंटरैक्टिव धारावाहिक कथा "लाल परी"। पिछले दो भागों में नाटकियता थी और अरू और केडी की मस्त चैट। इस भाग के लिये लेखिका प्रत्यक्षा ने इरादा बनाया कुछ अप्रत्याशितता लाने का। तो पढ़िये कहानी का तीसरा भाग और हमें ज़रूर बताईये कि इस कहानी का समापन किस तरह हो क्योंकि कहानी के अगले भाग में होगा इस रोचक कथा का पटाक्षेप।
मेरा दोस्त कादर
विगत दिनों सिटिज़न्स फॉर पीस तथा इंडियन एक्सप्रेस अखबार द्वारा आयोजित द्वितीय वार्षिक निबंध प्रतियोगिता २००६ में नई दिल्ली स्थित लेखक व स्तंभकार एन कुंजू के अंग्रेज़ी निबंध "माई फ्रेंड कादर" को अंग्रेज़ी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला। निबंध का विषय था "हम जैसे नहीं : नागरिकों की दुविधा" वातायन में पढ़िये इसी मार्मिक आलेख का आलोक कुमार द्वारा किया गया हिन्दी रूपांतर।
फ्यूज़न से संगीत अच्छा नहीं रह जाता
उस्ताद शाहिद परवेज़ ख़ान अपने सितार वादन के लिए भारत के उच्च शास्त्रीय संगीतकारों मेंे गिने जाते है। शाहिद परवेज़ इटावा घराने के हैं और प्रसिद्ध सितार वादक विलायत ख़ान के परिवार से हैं। दिसंबर 2006 में शाहिद इटली स्थित बोलोनिया में अपनी प्रस्तुति देने आये, डॉ सुनील दीपक ने इस मौके पर उनसे हुई विभिन्न विषयों पर बातचीत को प्रस्तुत किया है एक आलेख की शक्ल में।
बर्गन का वो पागलखाना
द साईंटिफ़िक इंडीयन ने हाल ही में विज्ञान फंतासी कथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस में आदित्य सुदर्शन की लिखी कहानी द असाईलम एट बर्गन को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। मनोचिकित्सा के वैज्ञानिक कैनवस पर रोमांच की तूलिका से उकेरी इस लोमहर्षक कथा को हम प्रस्तुत कर रहे हैं हिन्दी में। रूपांतरण किया है रमण कौल ने।