EG-Series: फरवरी 2007
गालिब छुटी शराब : भाग 1
‘नया ज्ञानोदय’ के संपादक रविन्द्र कालिया का नाम परिचय का मोहताज नहीं है। हमें हर्ष है कि अपने संस्मरण "गालिब छुटी शराब" को निरंतर में धारावाहिक रूप से प्रकाशित करने की अनुमति दी है। पढ़िये इसका प्रथम भाग। आभारः प्रत्यक्षा व प्रबुद्ध।
पिप्पी के मोज़ों में कबाड़ से जुगाड़
पुस्तक समीक्षा में रवि रतलामी व देबाशीष लाये हैं बच्चों के लिये नायाब पुस्तकें जिनमें शामिल हैं खेल खेल में विज्ञान सिखाने वाली "कबाड़ से जुगाड़" तथा "जॉय आफ मेकिंग इंडीयन टॉय्ज़", ज्ञानवर्धक पुस्तकें "खिलौनों का खज़ाना" और "नज़र का फेर" तथा कथा कहानी के शौकीनों के लिये "समंदर और मैं" तथा "पिप्पी लंबेमोज़े"।
लाल परी – भाग 4
वातायन में आप पढ़ रहे हैं विश्व की पहली इंटरैक्टिव धारावाहिक कथा "लाल परी"। पिछले तीन भागों में, जैसा आपने चाहा था, नाटकियता थी और अरू और केडी की मस्त चैट। यदि आप पिछले भाग में लेखिका प्रत्यक्षा द्वारा लाई अप्रत्याशितता से हैरान थे तो कहानी का ये चौथा और अंतिम भाग शायद आपको बाल नोंचने पर मजबूर कर दे। इस अंक में पढ़िये इस रोचक कथा का पटाक्षेप।
टेरापैड: ब्लॉगिंग से आगे की सोच?
टेरापैड कुछ ऐसी सेवाओं व विशेषताओं को आपके लिए लेकर आया है जो आपकी पारंपरिक चिट्ठाकारी की दशा व दिशा को बदल सकता है। जानिये रविशंकर श्रीवास्तव क्या कहते हैं इस नये ब्लॉग प्लैटफॉर्म के बारे में।